Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय तूफान

तुफान में घिर गया हूँ, 
छाए है मेघ काले ।
अब देर ना लगाओ,
सुनो हे मुरली वाले !!

पकड़ पतवार हाथों में, 
घनी काली सी रातों में!
भटक गया है मार्ग प्रभु, 
सरिता तेरी ही यादों में !!

करुणानिधान जो तेरी नजर,
 इक बार मुझ पे हो जाए।
इशारा गर तेरा हो जाए,
मेरा  बेड़ा पार हो जाए॥

जीवन किया है मैंने,
अब तो तेरे हवाले रे !
तुफान में घिर गया हूँ,
छाए है मेघ काले रे॥
🌷सुप्रभातम् 🌷

सुन

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6 Comments

Renu

23-Jan-2023 03:57 PM

👍👍🌺

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अदिति झा

22-Jan-2023 04:15 PM

Nice 👍🏼

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बहुत ही सुंदर सृजन और भक्ति भावना से पूर्ण रचना

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